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महाबली हनुमान का जीवन हम सभी के लिए आदर्श, सदगुरूदेव भगवान

 


दोहरीघाट मऊ 

अश्वमेघ महायज्ञ के दुसरे दिन प्रातःकालीन प्रवचन में सदगुरूदेव भगवान ने महाबली हनुमान के जीवन पर बोलते हुए कहे कि जैसे हनुमान जी ने अपने  को भगवान के दास कहकर खुद को संबोधित किया और 



रामभक्त हनुमान के जीवन से हमें अपने कार्य या फिर कहें लक्ष्य के प्रति समर्पण होने की सीख मिलती है. हनुमान जी अपने पूरे जीवन में भगवान राम के हर आदेश का पालन करते हुए उसे सफल तरीके से सिद्ध किया लेकिन कभी भी उसका खुद श्रेय नहीं लिया. उन्होंने अपने सभी कार्यों का श्रेय प्रभु श्री राम को ही दिया जब जीवन की गतिविधियो को जब मां आदिशक्ति से जोड लिया जाए  तो जीवन में कभी भी असफलता नही मिलती ,सदगुरूदेव भगवान ने प्रवचन में आगे कहा महाबली हनुमान का जीवन आदर्श है वे जीवन में बडा -बडा कार्य किये परतुं कभी भी अहंकार नही किये 

सदगुरूदेव भगवान ने अपने प्रवचन के दौरान लोगो को तनाव से कैसे मुक्ति मिले इस पर  भी एक्यूप्रेशर प्वाइंट की जानकारी दिये ,ऊं का सही तरीके से कैसे जप किया जाए  इसकी जानकारी  दिये ताकी रोग दुर भाग सके 


अश्वमेघ महायज्ञ में परम पुज्य श्री सदगुरूदेव भगवान के साथ ,अवधुत अखिलेशवरा नन्द, राष्ट्रीय महासचिव-श्री धर्मानन्द पाण्डेय,आचार्य सुकृत जी महाराज, आचार्य अत्रि, आचार्य जोगेश्वर जी , आचार्य-लक्ष्मीकांत श्रीवास्तव,आचार्य अवधेशानन्द जी महाराज, मीडिया प्रभारी -आचार्य विश्वामित्र, मीडिया प्रभारी -आचार्य अरपितेशवरा नन्द, सोशल मीडिया टीम -आचार्य दिव्यानन्द, आचार्य जितेंद्र जी र,आचार्य राजकुमार, आचार्य अटल जोगेश्वर जैसे सभी वरिष्ठ आचार्य  इस कार्यक्रम सहभागी रहै।