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Success Storie: चाय वाले बाबा का अनोखा हठ: 40 साल से मौन, अन्न त्याग कर करवा रहे IAS की तैयारी

प्रयागराज महाकुंभ में चमत्कारी व्यक्तित्व 'चाय वाले बाबा' सुर्खियों में

प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में जहां करोड़ों श्रद्धालु पवित्र स्नान कर रहे हैं, वहीं उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ से आए एक अनोखे संन्यासी ने सबका ध्यान खींचा है। यह हैं दिनेश स्वरूप ब्रह्मचारी, जिन्हें लोग 'चाय वाले बाबा' के नाम से जानते हैं। बाबा पिछले 40 साल से मौन साधना कर रहे हैं और इस दौरान उन्होंने अन्न का त्याग किया हुआ है। उनकी खासियत यह है कि वे केवल दिनभर में 10 कप चाय पीकर जीवन व्यतीत करते हैं और IAS व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवा रहे हैं।


मौन रहकर करवाते हैं सिविल सेवा की तैयारी

दिनेश स्वरूप ब्रह्मचारी अपने व्हाट्सएप संदेशों और इशारों के माध्यम से छात्रों को गाइड करते हैं। बाबा के एक शिष्य राजेश सिंह बताते हैं, "गुरुजी मौन रहते हैं। वे हमें व्हाट्सएप पर नोट्स और मार्गदर्शन भेजते हैं। उनका सपना है कि ज्यादा से ज्यादा छात्र सिविल सेवाओं में अधिकारी बनें।"


जब उनसे मौन साधना का कारण पूछा गया, तो उन्होंने एक नोट में लिखा, "मौन रहने से ऊर्जा का संचय होता है, जिससे मैं इसे समाज और छात्रों की भलाई में लगा सकता हूं।"


फ्रांस की भक्त पास्कल भी पहुंचीं महाकुंभ

महाकुंभ के इस पवित्र आयोजन में विदेशी भक्तों का भी खासा आकर्षण देखने को मिला। फ्रांस की रहने वाली पास्कल, जो भगवान शिव की अनन्य भक्त हैं, प्रयागराज महाकुंभ में शामिल हुईं। उन्होंने कहा, "यहां आकर आत्मिक शांति मिली। यह स्थान आत्मा की शुद्धि के लिए पवित्र है। मैंने कई साधुओं और योगियों से मुलाकात की।"


महाकुंभ 2025 के मुख्य आकर्षण

महाकुंभ का यह आयोजन हर 12 साल में होता है। इस बार यह आयोजन लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं की उपस्थिति में हो रहा है। संगम पर गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र जल में स्नान कर लोग मोक्ष की प्राप्ति और पापों के प्रायश्चित के लिए डुबकी लगा रहे हैं।


इस आयोजन के मुख्य शाही स्नान इस प्रकार हैं:

मकर संक्रांति (14 जनवरी)

मौनी अमावस्या (29 जनवरी)

वसंत पंचमी (12 फरवरी)

चाय वाले बाबा की शिक्षा का संदेश

बाबा का मानना है कि यदि साधना और मेहनत के साथ पढ़ाई की जाए तो कोई भी छात्र सफलता की ऊंचाइयों को छू सकता है। वे कहते हैं कि "जीवन में सादगी और समर्पण से ही ज्ञान प्राप्त होता है।"

उनका यह अनोखा तरीका न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी चर्चा का विषय बना हुआ है।