न्यूज़ डेस्क दुर्ग: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से एक बेहद अनोखा और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां पुलिस ने एक ऐसे चोर को गिरफ्तार किया है जिसकी चोरी करने की सोच और वजह ने सभी को हैरान कर दिया। यह चोर पिछले लंबे समय से केवल मंदिरों की दान पेटी (Donation Box) से ही पैसे चुराता था।
सबसे बड़ी बात यह है कि जब मंदिर में उसे सोने-चांदी के गहने भी मिलते थे तो भी वह उन्हें हाथ नहीं लगाता था। वह सिर्फ और सिर्फ पैसे की ही चोरी करता था। पुलिस पूछताछ में इस चोर ने जो कारण बताए, वे बेहद अलग और भावुक करने वाले हैं।
चोर का बयान: “भगवान ने मुझे HIV दिया है, अब खर्च भी वही चलाएंगे”
पुलिस पूछताछ में चोर ने बताया कि वह HIV पॉजिटिव है। उसका मानना है कि जब यह बीमारी उसे भगवान ने दी है, तो अब उसके इलाज और खर्च का इंतजाम भी भगवान ही करेंगे। इसी सोच के चलते उसने ठान लिया कि वह चोरी भी केवल मंदिरों से ही करेगा और वह भी सिर्फ दान पेटी के पैसों की।
चोर का कहना है कि मंदिर में जो लोग श्रद्धा से पैसा दान करते हैं, वही पैसा उसके इलाज और जीवन यापन में काम आ रहा है। गहनों को वह नहीं चुराता था क्योंकि उसका मानना था कि गहनों को लोग भगवान को आस्था से चढ़ाते हैं, लेकिन पैसा दान पेटी में आमतौर पर समाज की मदद और अन्य कार्यों के लिए आता है। इसलिए वह सिर्फ पैसे ही लेता था।
पुलिस की गिरफ्त में आया अनोखा चोर
पुलिस ने बताया कि लंबे समय से कई मंदिरों में दान पेटियों से पैसे गायब हो रहे थे। इसको लेकर शिकायतें लगातार मिल रही थीं। इसके बाद सीसीटीवी फुटेज और गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने इस चोर को पकड़ा। गिरफ्तारी के बाद जब उससे पूछताछ की गई, तो उसका राज सामने आया।
पुलिस अधिकारियों ने भी माना कि यह मामला बेहद अनोखा है क्योंकि आम तौर पर चोर गहनों और कीमती सामान पर हाथ साफ करते हैं, लेकिन यह आरोपी केवल पैसों तक ही सीमित रहा।
लोगों की प्रतिक्रिया
इस मामले ने स्थानीय लोगों और सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है। लोग इसे लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोग कह रहे हैं कि भले ही चोरी करना अपराध है, लेकिन इस चोर की सोच कहीं न कहीं उसके विश्वास को दर्शाती है। वहीं कई लोग इसे भगवान के प्रति गलत आस्था बता रहे हैं।
यह घटना इस बात का उदाहरण है कि कैसे कभी-कभी इंसान की मजबूरी और उसकी सोच उसे अनोखे रास्ते पर ले जाती है। हालांकि चोरी किसी भी परिस्थिति में अपराध ही है, लेकिन इस आरोपी की कहानी समाज को यह सोचने पर मजबूर करती है कि बीमारी और कठिन परिस्थितियों से जूझ रहे लोगों को बेहतर सहारा और इलाज की सुविधा मिले तो शायद ऐसे हालात ही न बनें।