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DEORIA NEWS: देवरिया में प्राइवेट डॉक्टरों का खेल! केजीएमयू का बोर्ड लगाकर भोली-भाली जनता को कर रहे गुमराह, योगी सरकार सख़्त—जांच के बाद होगी कड़ी कार्रवाई


देवरिया से उठी गंभीर शिकायत

देवरिया जनपद में कुछ निजी क्लिनिकों पर ऐसे डॉक्टरों के काम करने की जानकारी सामने आई है, जो अपनी वास्तविक शैक्षिक डिग्री छुपाकर किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) का नाम और बोर्ड इस्तेमाल कर रहे हैं। इस तरह वे मरीजों को यह विश्वास दिला रहे हैं कि वे KGMU से उच्च डिग्री प्राप्त विशेषज्ञ हैं, जबकि उनकी वास्तविक योग्यता इस दावे से मेल नहीं खाती।


भोली-भाली जनता को बनाया जा रहा शिकार

ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों में आम लोग सरकारी रजिस्टर्ड डॉक्टर और बड़े मेडिकल संस्थानों के नाम पर जल्दी भरोसा कर लेते हैं। ऐसे में जब किसी निजी क्लिनिक पर केजीएमयू का बड़ा बोर्ड या “KGMU से पीजी” जैसा दावा लिखा दिखता है तो मरीज बिना दोबारा सोचे वहीं इलाज कराने पहुंच जाते हैं। कई बार मरीज गंभीर रोगों का इलाज कराते हैं और महंगी दवाएं व टेस्ट करवाते हैं।


यह कानूनन अपराध क्यों है

  1. नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) नियमों का उल्लंघन – कोई भी डॉक्टर अपनी डिग्री या रजिस्ट्रेशन के अलावा कुछ और दावा नहीं कर सकता।
  2. भ्रामक विज्ञापन – भारतीय चिकित्सा परिषद (Professional Conduct, Etiquette and Ethics) Regulations, 2002 के मुताबिक गलत डिग्री या संस्था का नाम प्रयोग करना दंडनीय है।
  3. दंड संहिता की धाराएं – धोखाधड़ी (IPC 420), जालसाजी (IPC 468, 471) के तहत FIR दर्ज की जा सकती है।
  4. प्रशासनिक कार्रवाई की पूरी प्रक्रिया
  • मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) जांच: शिकायत मिलते ही CMO की टीम मौके पर जाकर डिग्री, रजिस्ट्रेशन और डिस्प्ले बोर्ड की पड़ताल करती है।
  • नोटिस और स्पष्टीकरण: आरोप सही पाए जाने पर संबंधित डॉक्टर को नोटिस देकर डिग्री का प्रमाण प्रस्तुत करने को कहा जाता है।
  • क्लिनिक सीलिंग व रजिस्ट्रेशन रद्द: यदि फर्जीवाड़ा साबित हो जाए तो क्लिनिक सील कर दिया जाता है और डॉक्टर का रजिस्ट्रेशन अस्थायी या स्थायी रूप से रद्द किया जा सकता है।
  • आपराधिक मामला: पुलिस में मुकदमा दर्ज कर डॉक्टर को गिरफ्तारी तक का सामना करना पड़ सकता है।

योगी सरकार का सख्त रुख

उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल के वर्षों में स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता के लिए कई सख्त कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई मौकों पर कहा है कि फर्जी डिग्री पर प्रैक्टिस करने वालों पर “जीरो टॉलरेंस” की नीति लागू होगी। शासन स्तर से सीएम हेल्पलाइन 1076 और जनसुनवाई पोर्टल पर आई शिकायतों को गंभीरता से लिया जाता है।


जनता के लिए मार्गदर्शन

  • शिकायत कैसे करें:
    • 1076 (सीएम हेल्पलाइन) पर फोन कर विस्तृत सूचना दें।
    • jansunwai.up.nic.in पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें।
    • देवरिया के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को लिखित आवेदन देकर सबूत (फोटो, वीडियो) प्रस्तुत करें।
  • सत्यापन का हक: कोई भी नागरिक स्टेट मेडिकल काउंसिल या NMC की वेबसाइट पर डॉक्टर के रजिस्ट्रेशन नंबर की पुष्टि कर सकता है।