देवरिया: महर्षि देवरहवा बाबा मेडिकल कॉलेज, देवरिया में हुई बड़ी लापरवाही के बाद शासन ने सख्त रुख अपनाया है। कॉलेज की पानी की टंकी में मरीज का शव मिलने की घटना ने न केवल प्रशासन को हिला दिया, बल्कि स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही को भी उजागर कर दिया है। घटना की जांच में गंभीर चूकें सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश शासन ने प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार बरनवाल को उनके पद से हटा दिया है और उन्हें कार्यालय महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण, लखनऊ से संबद्ध (अटैच) कर दिया है।
यह आदेश उत्तर प्रदेश शासन, चिकित्सा शिक्षा अनुभाग-3 की ओर से 7 अक्टूबर 2025 की रात 8:23 बजे जारी किया गया। आदेश पर अमित कुमार घोष, उपाध्यक्ष, स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय सोसायटी/अपर प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा विभाग, लखनऊ)** के डिजिटल हस्ताक्षर हैं।
कैसे हुआ मामला उजागर
मामला 5 अक्टूबर 2025 का बताया जा रहा है जब मेडिकल कॉलेज के ओपीडी भवन की पांचवीं मंजिल पर स्थित पानी की टंकी से तेज दुर्गंध आने की शिकायत मिली। सफाईकर्मियों ने जब टंकी की जांच की तो वहां एक व्यक्ति का सड़ा हुआ शव तैरता मिला।
स्थानीय जांच में पता चला कि शव कई दिनों से टंकी में पड़ा हुआ था और कॉलेज के उपयोग में आने वाला पानी उसी टंकी से आपूर्ति हो रहा था।
यह घटना सामने आते ही अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया।
घटना की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी (DM) देवरिया ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी। मौके पर मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों से पूछताछ की गई और पूरी घटना की विस्तृत रिपोर्ट शासन को भेजी गई।
शासन का आदेश और कार्रवाई
शासन के आदेश संख्या 151/71-3-2025 के अनुसार,
“स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय देवरिया में पानी की टंकी में एक मृत शरीर पाए जाने की घटना से स्वास्थ्य एवं सुरक्षा को गंभीर खतरा उत्पन्न हुआ है। इस घटना की विस्तृत जांच हेतु जिलाधिकारी देवरिया को नामित किया गया है। जांच पूरी होने तक डॉ. राजेश कुमार बरनवाल को उनके पद से मुक्त किया जाता है और उन्हें महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण, लखनऊ से संबद्ध किया जाता है।”
आदेश के अनुसार, जांच पूरी होने तक कॉलेज का प्रभार डॉ. रजनी, विभागाध्यक्ष – पैथोलॉजी विभाग, स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय एटा को सौंपा गया है।
डॉ. रजनी को यह कार्य बिना किसी अतिरिक्त वेतन या भत्ते के करने के निर्देश दिए गए हैं।
शासन के आदेश के मुख्य अंश
ओपीडी भवन की पानी की टंकी से सड़ा हुआ शव मिलने से स्वास्थ्य सुरक्षा को गंभीर खतरा उत्पन्न हुआ।
जिलाधिकारी देवरिया को मामले की विस्तृत जांच सौंप दी गई है।
जांच पूरी होने तक डॉ. राजेश बरनवाल को उनके पद से मुक्त कर लखनऊ अटैच किया गया है।
डॉ. रजनी (विभागाध्यक्ष, पैथोलॉजी विभाग, एटा) को देवरिया मेडिकल कॉलेज का प्रभार सौंपा गया है।
प्रभार अवधि में कोई अतिरिक्त वेतन या भत्ता देय नहीं होगा।
जांच में क्या निकला अब तक
सूत्रों के मुताबिक, टंकी में मिला शव एक लापता मरीज का बताया जा रहा है, जिसकी खोज पिछले कई दिनों से की जा रही थी।
संभावना है कि मरीज गलती से भवन की ऊपरी मंजिल तक पहुंच गया और दुर्घटनावश टंकी में गिर गया।
हालांकि, इस बात की पुष्टि शासन जांच रिपोर्ट आने के बाद ही करेगा।
जिलाधिकारी देवरिया की अगुवाई में गठित टीम ने टंकी की सफाई, जल गुणवत्ता परीक्षण और सुरक्षा उपायों की विस्तृत जांच शुरू कर दी है।
कॉलेज में हड़कंप और कर्मचारियों में चर्चा
शासन की कार्रवाई के बाद महर्षि देवरहवा बाबा मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया है।
कर्मचारियों और छात्रों में चर्चा है कि यह घटना कॉलेज प्रशासन की बड़ी लापरवाही का परिणाम है।
कई कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कॉलेज परिसर में सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था लंबे समय से लचर थी, जिस पर अब तक ध्यान नहीं दिया गया।
एक वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा —
“मेडिकल कॉलेज जैसी जगह पर यदि पानी की टंकी में शव मिल जाता है, तो यह व्यवस्था की विफलता का सबसे बड़ा उदाहरण है। शासन की कार्रवाई बिल्कुल उचित है।”
स्थानीय प्रशासन और जनता की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों में भी इस घटना को लेकर आक्रोश है।
लोगों का कहना है कि अगर यह पानी मरीजों या कर्मचारियों के उपयोग में आया है, तो यह स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकता था।
जनप्रतिनिधियों ने भी कॉलेज की सुरक्षा व्यवस्था की पुन: समीक्षा की मांग की है।
आगे क्या होगा
जांच पूरी होने के बाद जिलाधिकारी की रिपोर्ट शासन को सौंपी जाएगी।
रिपोर्ट के आधार पर आगे की अनुशासनात्मक कार्रवाई तय की जाएगी।
संभावना है कि कॉलेज प्रशासन से जुड़े अन्य जिम्मेदार अधिकारियों पर भी विभागीय जांच या निलंबन जैसी कार्रवाई हो सकती है।
महर्षि देवरहवा बाबा मेडिकल कॉलेज में पानी की टंकी से शव मिलने की घटना ने चिकित्सा संस्थानों की सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
शासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कॉलेज के प्राचार्य को पद से हटाकर यह स्पष्ट संदेश दिया है कि जन स्वास्थ्य और सुरक्षा के साथ कोई समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।