देवरिया:यदि आप देवरिया में किसी डॉक्टर से इलाज करा रहे हैं, तो सतर्क हो जाइए। यहां के मेडिकल क्षेत्र में बड़ी लापरवाही और भ्रामक स्थिति सामने आ रही है। कई साइकाइट्रिक डॉक्टर (Psychiatrist) खुद को न्यूरो फिज़िशियन (Neurologist) बताकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। भोली-भाली जनता को यह फर्क समझ में नहीं आता और लोग गंभीर बीमारियों का सही इलाज न पाकर और भी बड़ी समस्याओं का शिकार हो रहे हैं।
आखिर कौन होता है साइकाइट्रिक डॉक्टर (Psychiatrist)?
साइकाइट्रिक डॉक्टर वे होते हैं, जो एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद एम.डी. (Psychiatry) करते हैं। इनकी विशेषज्ञता मानसिक और व्यवहार संबंधी बीमारियों का इलाज करना है।
- ये डॉक्टर तनाव, डिप्रेशन, एंग्जायटी, नशे की लत, स्किज़ोफ्रेनिया, नींद की समस्या जैसी मानसिक बीमारियों का इलाज करते हैं।
- इलाज का तरीका दवा, काउंसलिंग और मनोवैज्ञानिक थेरेपी पर आधारित होता है।
- ये दिमाग के मानसिक संतुलन से जुड़े मामलों को देखते हैं, न कि दिमाग और नसों की शारीरिक बीमारियों को।
कौन होता है न्यूरो फिज़िशियन (Neurologist)?
न्यूरो फिज़िशियन बनने के लिए डॉक्टर को एमबीबीएस के बाद एमडी मेडिसिन और फिर डीएम न्यूरोलॉजी करनी होती है। यह एक लंबी और कठिन पढ़ाई है, जो पूरे देश में सीमित डॉक्टर ही पूरी कर पाते हैं।
- इनकी विशेषज्ञता दिमाग और नसों की शारीरिक बीमारियों का इलाज करना है।
- ब्रेन स्ट्रोक, लकवा, मिर्गी, माइग्रेन, नसों की कमजोरी, स्पाइनल कॉर्ड की समस्या, पार्किंसंस रोग, अल्ज़ाइमर जैसी गंभीर बीमारियां इन्हीं के दायरे में आती हैं।
- इलाज का तरीका विभिन्न टेस्ट (MRI, CT Scan, EEG, Nerve Conduction Study) और दवाओं के जरिए किया जाता है।
दोनों में क्या है अंतर?
तुलना का आधार | साइकाइट्रिक डॉक्टर (Psychiatrist) | न्यूरो फिज़िशियन (Neurologist) |
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पढ़ाई | एमडी साइकाइट्री | डीएम न्यूरोलॉजी |
विशेषज्ञता | मानसिक और व्यवहार संबंधी रोग | दिमाग व नसों की शारीरिक बीमारियां |
इलाज का तरीका | दवा + काउंसलिंग + थेरेपी | दवा + न्यूरोलॉजिकल टेस्ट |
प्रमुख रोग | डिप्रेशन, तनाव, नशा, मानसिक विकार | स्ट्रोक, लकवा, मिर्गी, नसों की समस्या |
मरीज कैसे करें सही डॉक्टर की पहचान?
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डिग्री देखें –
- यदि डॉक्टर के नाम के आगे M.D. (Psychiatry) लिखा है तो वह साइकाइट्रिक डॉक्टर हैं।
- यदि D.M. (Neurology) लिखा है तो वह न्यूरोलॉजिस्ट हैं।
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बोर्ड और विज्ञापन पर ध्यान दें –
- असली न्यूरो फिज़िशियन अपनी डिग्री साफ-साफ लिखते हैं।
- नकली डॉक्टर केवल “न्यूरो स्पेशलिस्ट” या “ब्रेन एंड नर्व्स एक्सपर्ट” लिखकर भ्रम पैदा करते हैं।
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इलाज की पद्धति देखें –
- साइकाइट्रिक डॉक्टर बार-बार काउंसलिंग और मनोवैज्ञानिक पहलुओं पर जोर देंगे।
- न्यूरोलॉजिस्ट टेस्ट करवाएंगे और रिपोर्ट के आधार पर दवा देंगे।
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ऑनलाइन जांच करें –
- डॉक्टर का रजिस्ट्रेशन नंबर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) या राज्य मेडिकल काउंसिल की वेबसाइट पर जांचा जा सकता है।
मरीजों के लिए सावधानियां
- इलाज कराने से पहले हमेशा डॉक्टर की डिग्री और रजिस्ट्रेशन नंबर की जांच करें।
- यदि बीमारी मानसिक या व्यवहार से जुड़ी है तो साइकाइट्रिक डॉक्टर के पास जाएं।
- यदि समस्या दिमाग और नसों की शारीरिक बीमारी से जुड़ी है तो केवल न्यूरो फिज़िशियन के पास ही इलाज कराएं।
- बिना जांचे-परखे किसी भी डॉक्टर पर सिर्फ बोर्ड देखकर भरोसा न करें।
देवरिया जैसे छोटे शहरों में मरीजों को आसानी से भ्रमित किया जा सकता है। यही कारण है कि कई साइकाइट्रिक डॉक्टर खुद को न्यूरो फिज़िशियन बताकर गंभीर बीमारियों का इलाज करने का दावा करते हैं। यह स्थिति मरीजों की सेहत के लिए खतरनाक है। लोगों को चाहिए कि डॉक्टर की डिग्री, विशेषज्ञता और अनुभव को परखने के बाद ही इलाज कराएं।