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देवारिया में हड्डी रोगियों के लिए वरदान बने डॉ. एस. के. शर्मा,हर महीने आयोजित करते हैं निशुल्क हड्डी जांच शिविर, देखें खबर!

रिपोर्ट: सत्य प्रकाश तिवारी 

देवरिया हड्डी और स्पाइन (रीढ़) रोगों से पीड़ित मरीजों के लिए अब देवरिया में बड़े शहरों तक भटकने की जरूरत नहीं रही। क्योंकि केजीएमयू (किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी) लखनऊ से प्रशिक्षित और प्रदेश के जाने-माने ऑर्थो स्पाइन सर्जन डॉ. एस. के. शर्मा ने इस दिशा में एक अनोखी पहल की है।
डॉ. शर्मा अपने क्लीनिक "देवरिया बोन जॉइंट एंड स्पाइन केयर सेंटर" पर हर महीने निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण शिविर आयोजित करते हैं, जिसमें हड्डी, जोड़ और रीढ़ की बीमारियों से ग्रसित मरीजों की बीएमडी (Bone Mineral Density), विटामिन D और विटामिन B12 की जांच बिल्कुल निशुल्क की जाती है।


देवरिया में आधुनिक जांच सुविधा का केंद्र

देवरिया जैसे जिले में जहां आमतौर पर आधुनिक उपकरणों और विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी महसूस की जाती है, वहीं डॉ. एस. के. शर्मा ने इसे एक चिकित्सा केंद्र के रूप में विकसित किया है जहाँ आधुनिक तकनीक के साथ मरीजों को सटीक इलाज और परामर्श दोनों मिलते हैं।
देवरिया बोन जॉइंट एंड स्पाइन केयर सेंटर, न्यू कॉलोनी में स्थित यह क्लिनिक अब हड्डी रोगियों के लिए वरदान साबित हो रहा है। यहां रोजाना दर्जनों मरीज दूर-दराज के गांवों और जनपदों से इलाज के लिए पहुंचते हैं।


निशुल्क शिविर की खासियत

हर महीने के निश्चित दिन पर आयोजित होने वाले इस निशुल्क शिविर में हड्डियों की जांच के साथ-साथ लोगों को जनजागरूकता भी दी जाती है।
डॉ. शर्मा बताते हैं —

“हमारा उद्देश्य सिर्फ इलाज करना नहीं, बल्कि लोगों को यह समझाना है कि हड्डियों का ध्यान रखना क्यों जरूरी है। अक्सर लोग शरीर के अन्य अंगों की जांच करवाते हैं लेकिन हड्डियों को नजरअंदाज करते हैं।”

शिविर में आने वाले मरीजों का पहले बीएमडी टेस्ट किया जाता है जिससे यह पता चलता है कि उनकी हड्डियों में कैल्शियम की मात्रा कितनी है। इसके बाद विटामिन D और B12 की जांच कर यह देखा जाता है कि शरीर में हड्डियों को मजबूत रखने वाले पोषक तत्वों की कमी तो नहीं।





बीएमडी जांच क्यों जरूरी है

बीएमडी जांच यानी Bone Mineral Density Test हड्डियों की मजबूती को मापने का एक तरीका है। यह जांच बताती है कि आपकी हड्डियां कितनी घनी और मजबूत हैं।
कम बीएमडी का मतलब होता है कि हड्डियां कमजोर हैं और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ गया है।
डॉ. शर्मा बताते हैं कि —

“40 साल की उम्र के बाद हर व्यक्ति को साल में एक बार बीएमडी जांच जरूर करानी चाहिए। खासकर महिलाओं को क्योंकि रजोनिवृत्ति के बाद उनमें हड्डियों के कमजोर होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।”


 


 

विटामिन D और B12 की भूमिका

विटामिन D शरीर में कैल्शियम के अवशोषण के लिए जरूरी है। इसकी कमी से हड्डियां कमजोर पड़ जाती हैं और धीरे-धीरे दर्द, थकान और चलने-फिरने में दिक्कतें शुरू हो जाती हैं।
वहीं विटामिन B12 की कमी से न सिर्फ हड्डियों पर असर पड़ता है बल्कि नसों पर भी प्रभाव पड़ता है, जिससे स्पाइन संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
डॉ. शर्मा कहते हैं —

“अक्सर मरीज कमर दर्द या घुटने के दर्द को मामूली मानकर नजरअंदाज कर देते हैं। जबकि यह विटामिन की कमी या ऑस्टियोपोरोसिस जैसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है।”

 

देवरिया के इकलौते स्पाइन सर्जन

देवरिया जिले में डॉ. एस. के. शर्मा अकेले ऐसे सर्जन हैं जो रीढ़ की हड्डी और जोड़ से जुड़ी जटिल सर्जरी आधुनिक तकनीक से करते हैं।
उन्होंने केजीएमयू, लखनऊ से एम.एस. ऑर्थोपेडिक व स्पाइन सर्जरी फैलोशिप की डिग्री प्राप्त की है
उनकी विशेषज्ञता स्पाइन सर्जरी, जोड़ प्रत्यारोपण (Joint Replacement), फ्रैक्चर प्रबंधन, हड्डी विकृति सुधार, और खेल चोटों के इलाज में है।


जनजागरूकता की नई पहल

डॉ. शर्मा के नेतृत्व में चल रहे इन स्वास्थ्य शिविरों ने देवरिया में एक नई चिकित्सा संस्कृति को जन्म दिया है।
यहां न सिर्फ इलाज होता है, बल्कि लोगों को संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और सूर्य के प्रकाश से मिलने वाले विटामिन D के महत्व के बारे में बताया जाता है।
शिविर में डॉक्टर स्वयं मरीजों से संवाद करते हैं, उनकी जीवनशैली को समझकर व्यावहारिक सलाह देते हैं।

एक महिला मरीज सुनीता देवी बताती हैं —

“मुझे कई महीनों से कमर दर्द था। लखनऊ जाने की सोच रही थी, लेकिन जब डॉ. शर्मा के शिविर में आई तो पता चला कि मुझे विटामिन D की कमी है। कुछ हफ्तों के इलाज से अब दर्द लगभग खत्म है।”

 

ग्रामीण मरीजों के लिए वरदान

देवरिया और आसपास के ग्रामीण इलाकों में ज्यादातर मरीज खेती-बाड़ी या मजदूरी करते हैं। वे दिनभर मेहनत तो करते हैं, पर पौष्टिक भोजन और हड्डियों के लिए जरूरी तत्वों की कमी से जूझते हैं।
ऐसे में डॉ. शर्मा के शिविर इन मरीजों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं।



हड्डियों के प्रमुख रोग जिनसे सावधान रहना जरूरी

डॉ. शर्मा बताते हैं कि आजकल लोगों में ऑस्टियोपोरोसिस, ऑस्टियोआर्थराइटिस, स्पॉन्डिलाइटिस और डिस्क प्रोलैप्स जैसी बीमारियां आम होती जा रही हैं।
इनका मुख्य कारण है —

  • पोषक आहार की कमी
  • व्यायाम का अभाव
  • गलत बैठने की आदतें
  • मोबाइल और कंप्यूटर का ज्यादा उपयोग
  • धूप में न निकलना

वे कहते हैं कि —

“अगर समय रहते बीएमडी और विटामिन जांच करा ली जाए तो 80 प्रतिशत मामलों में बड़ी बीमारियों को रोका जा सकता है।”

 

हड्डी मजबूत करने के उपाय

शिविर में डॉक्टर शर्मा हर मरीज को जीवनशैली में सुधार के टिप्स भी देते हैं —

  • रोजाना 20 मिनट धूप में रहना
  • दूध, दही, पनीर, अंडा, सोया और हरी सब्जियों का सेवन
  • धूम्रपान और शराब से दूरी
  • नियमित योग और व्यायाम
  • जरूरत पड़ने पर कैल्शियम और विटामिन सप्लीमेंट लेना

डॉ. शर्मा का मानवीय दृष्टिकोण

डॉ. शर्मा का मानना है कि चिकित्सा सेवा सिर्फ इलाज का माध्यम नहीं, बल्कि समाज सेवा का एक रूप है।
उनके अनुसार —

“देवरिया जैसे छोटे जिलों में अगर हर डॉक्टर महीने में एक दिन निशुल्क सेवा दे, तो सैकड़ों गरीब मरीजों को राहत मिल सकती है। स्वास्थ्य सेवा का विस्तार सिर्फ अस्पताल तक सीमित नहीं होना चाहिए।”

 

मरीजों की बढ़ती संख्या और भरोसा

आज डॉ. शर्मा के क्लीनिक में रोजाना देवरिया, गोरखपुर, बलिया, सलेमपुर, भटनी और बिहार के सीमावर्ती इलाकों से मरीज पहुंच रहे हैं।
उनकी ईमानदारी, अनुभव और व्यवहार ने मरीजों के बीच गहरा भरोसा पैदा किया है।
पिछले दो सालों में हजारों लोगों ने उनके शिविरों से निशुल्क जांच और इलाज का लाभ उठाया है।


जनजागरूकता के नए आयाम

डॉ. शर्मा अब स्कूलों, कॉलेजों और महिला समूहों में भी हड्डी स्वास्थ्य पर जागरूकता अभियान चलाने की तैयारी में हैं।
उनका लक्ष्य है कि हर व्यक्ति को अपनी हड्डियों की स्थिति का पता हो ताकि वे समय रहते सावधानी बरत सकें।